वैकुण्ठ से प्रभावी और आनन्दप्रद है प्रभु का व्रज धाम ऐश्वर्यपूर्ण व्रज में निवास करनेवाले श्रीभगवान के अवतार के जगह होने से ब्रज ऐश्वर्य से पूर्ण है, यह तो एक साधारण सी बात है । विशेष रहस्य यह है कि अवतारों में और विशेषकर कृष्णावतार में ही श्रीभगवान के दया, क्षमा, सौशील्य, वात्सल्य और भी बहुत सारे भाव और गुण प्रकट होते हैं । परमपद में इन गुणों को प्रकाश पाने का अवसर नहीं मिलता है । भक्तों का दुख देखकर श्रीभगवान का स्वयं दुखी होना या उस दुख को दूर करने की चेष्टा करना इत्यादि दया कहलाता है । ब्रज में तो श्रीभगवान आपकी पीड़ा को नित्य ही समझते हैं । आपके के भक्ति को जानते हैं । आपके भजन को सुनकर आनन्दित होते हैं । प्रसन्न होते हैं । आप सच्चे मन से उनकी भक्ति करते हैं तो आपके दुखों को दूर करते हैं और आप सुख की कामना को प्राप्त करते हैं । इसीलिए हम भक्तों से यही कहना चाहते हैं, भगवत्प्रेमियों से यही कहना चाहते हैं कि हमें क्या पता कि हमने कितने जीव-जन्तुओं को ठेस पहुँचाया है ? किन्तु आप सज्जन तो यही सोंचेंगे कि हमने तो कभी जीव-जन्तुओं को कष्ट नहीं पहुँचाया है परन्तु नहीं ।...